From - Yogesh Choudhary
जब आपसे पढ़ाई न हो और मन नहीं लगे तो एक बार इसे पढ़ लेना शायद पढ़ाई होने लगे।
आज मायूस है तू आज डरा हुआ है तू
आखिर क्या मायूस होना जीत है
क्या डर के बैठ जाना जीत है
अरे तू कभी खुद्दार हुआ करता था
अरे तू कभी रातों पढ़ा करता था
फिर आज ये दर कैसा मायूसी कैसी
क्या भूल गया वो पल जब तूने घर से बैग उठाया था
अरे वो वक्त याद कर जब तू ट्रेन में बैठा था
याद कर वो दिन जब अकेले में किसी को कहा था की officer बनूँगा
क्यों चुप है अब क्यों सोया है अब
अरे दो दिन में पहाड़ नहीं उखड़ते
अरे अपनी आत्मा को जगा अपनी शक्ति को पहचान
एक तू ही है जो तेरे सपने पूरे कर पायेगा कोई और नही
याद कर उस मजदूर को जिसे रोटी नहीं मिलती
याद कर उस बच्चे को जिसकी जिंदगी प्लेटफार्म पर पलती है
अरे याद कर उस दिन को जब तेरी आँखों के सामने अन्याय हुआ था
याद कर उस दिन को जब तेरा उस ऑफिस में काम न हुआ था
याद कर जब कोई बाइक तेरे पास से ऐसे गुजारा हो मानो अमीरी दिखा रहा हो
याद कर वो दिन जब बहन के साथ था और सोच रहा था कब घर आएगा
याद कर माँ की वो कहानी जिसके बाद माँ रोई थी
अरे क्या ये जुल्म नहीं और तू हिम्मत हारा तो कौन ख़त्म करेगा इन्हें
भूखे को रोटी कौन दिलाएगा सड़क पर पैदा हुए बच्चे को स्कूल कौन दिखलायेगा
अरे उस लड़की के लिए ही सही जो अच्छी लगती थी पर नौकरी न होने की वजह से दिल में ही अच्छी लगती रही
अरे अपने घर को याद कर जिसका छप्पर अभी नहीं बदला
अरे पिता को याद कर जो तेरे बारे में मोहल्ले भर में बोला करते है
अरे माँ को याद कर माँ को बोला करता था ना की तेरा बेटा inspector बनेगा
बहन को क्या बोला था की तेरी शादी जोरो से करूँगा
बता क्या मायूस होना हल है चुप रहना हल है
नहीं तो फिर सोचता क्या है उठा किताब पढ़ डाल इतिहास
पढ़ दाल राजनीति पढ़ डाल अर्थशास्त्र
पढ़ डाल भूगोल पढ़ डाल पर्यावरण
पढ़ डाल विज्ञानं करेंट की चिंता मत कर
करेंट तू खुद बनाएगा कल तू भी कुछ होगा
अरे प्रतियोगिता दर्पण क्रॉनिकल योजना कुरुक्षेत्र विज्ञानं प्रगति में तेरा फोटो होगा
कोई पढ़ेगा तेरे सपनो का भारत और उसमे ये होगा
गरीब को सहारा भूखे को रोटी लचर को प्यार पिता जी को सम्मान माँ के आँचल की शक्ति बहन की सुरक्षा
ऐसा होगा तेरा लिखा भारत जो जरूर छपेगा
अब तुझे कोई नहीं रोक सकता तो उठा किताब और दिखा दे
की तू सच्चा दोस्त है देशभक्त है नेक इंसान है दयावान है..
आखिर क्या मायूस होना जीत है
क्या डर के बैठ जाना जीत है
अरे तू कभी खुद्दार हुआ करता था
अरे तू कभी रातों पढ़ा करता था
फिर आज ये दर कैसा मायूसी कैसी
क्या भूल गया वो पल जब तूने घर से बैग उठाया था
अरे वो वक्त याद कर जब तू ट्रेन में बैठा था
याद कर वो दिन जब अकेले में किसी को कहा था की officer बनूँगा
क्यों चुप है अब क्यों सोया है अब
अरे दो दिन में पहाड़ नहीं उखड़ते
अरे अपनी आत्मा को जगा अपनी शक्ति को पहचान
एक तू ही है जो तेरे सपने पूरे कर पायेगा कोई और नही
याद कर उस मजदूर को जिसे रोटी नहीं मिलती
याद कर उस बच्चे को जिसकी जिंदगी प्लेटफार्म पर पलती है
अरे याद कर उस दिन को जब तेरी आँखों के सामने अन्याय हुआ था
याद कर उस दिन को जब तेरा उस ऑफिस में काम न हुआ था
याद कर जब कोई बाइक तेरे पास से ऐसे गुजारा हो मानो अमीरी दिखा रहा हो
याद कर वो दिन जब बहन के साथ था और सोच रहा था कब घर आएगा
याद कर माँ की वो कहानी जिसके बाद माँ रोई थी
अरे क्या ये जुल्म नहीं और तू हिम्मत हारा तो कौन ख़त्म करेगा इन्हें
भूखे को रोटी कौन दिलाएगा सड़क पर पैदा हुए बच्चे को स्कूल कौन दिखलायेगा
अरे उस लड़की के लिए ही सही जो अच्छी लगती थी पर नौकरी न होने की वजह से दिल में ही अच्छी लगती रही
अरे अपने घर को याद कर जिसका छप्पर अभी नहीं बदला
अरे पिता को याद कर जो तेरे बारे में मोहल्ले भर में बोला करते है
अरे माँ को याद कर माँ को बोला करता था ना की तेरा बेटा inspector बनेगा
बहन को क्या बोला था की तेरी शादी जोरो से करूँगा
बता क्या मायूस होना हल है चुप रहना हल है
नहीं तो फिर सोचता क्या है उठा किताब पढ़ डाल इतिहास
पढ़ दाल राजनीति पढ़ डाल अर्थशास्त्र
पढ़ डाल भूगोल पढ़ डाल पर्यावरण
पढ़ डाल विज्ञानं करेंट की चिंता मत कर
करेंट तू खुद बनाएगा कल तू भी कुछ होगा
अरे प्रतियोगिता दर्पण क्रॉनिकल योजना कुरुक्षेत्र विज्ञानं प्रगति में तेरा फोटो होगा
कोई पढ़ेगा तेरे सपनो का भारत और उसमे ये होगा
गरीब को सहारा भूखे को रोटी लचर को प्यार पिता जी को सम्मान माँ के आँचल की शक्ति बहन की सुरक्षा
ऐसा होगा तेरा लिखा भारत जो जरूर छपेगा
अब तुझे कोई नहीं रोक सकता तो उठा किताब और दिखा दे
की तू सच्चा दोस्त है देशभक्त है नेक इंसान है दयावान है..
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